​ *_2. वर्षा ऋतु​_✍*

​ *_2. वर्षा ऋतु​_✍*
*तापमान*
_मानसूनी वर्षा में वृद्धि के साथ का तापमान में भी कमी आने लगती है जुलाई अगस्त के बाद कुछ क्षेत्रों में सितंबर में तापमान में वृद्धि हो जाती है राजस्थान में सितंबर में तापमान 38 सेंटी ग्रेट तक हो जाता है_
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*वायुदाब पवनें*
_इस समय निम्न वायुदाब गाने रूप में राजस्थान के थार मरुस्थल वह पंजाब में केंद्रित हो जाता है उच्च वायुदाब दक्षिण में हिंद महासागर में केंद्रीय होता है इससे हवाओं की दिशा दक्षिण पश्चिम से बनने के कारण ही यह दक्षिणी पश्चिमी मानसून के नाम से जाना जाता है वायुदाब का केंद्र सरकने के साथ ही मानसून के नाम से जाना जाता है वायुदाब का केंद्र सरकार ने के साथ ही मानसून पवने आगे बढ़ती रहती है_
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*वर्षा*
_दक्षिणी पश्चिमी मानसून दक्षिणी पर प्रायद्वीप की स्थिति के कारण दो शाखाओं में बंद कर हमारे देश में वर्षा करता है।_
_दो शाखाएं निम्नलिखित है।_
*1.अरब सागर शाखा।*
*2.बंगाल की खाड़ी की शाखा।*
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*अरब सागर शाखा*
_यह शाखा बंगाल की खाड़ी की शाखा से अधिक शक्तिशाली है यह सबसे पहले पश्चिमी घाट से सीधी टकराती है यहां पर इस से 250 से 300 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है इस शाखा का वह यहीं पर समाप्त हो जाता है इससे पठार के भीतर बागों में अल्पस वर्षा होती है क्योंकि यह क्षेत्र वृष्टि छाया क्षेत्र का है_
_इसकी नागपुर उपशाखा नर्मदा ताप्ती घाटियों के मध्य में होती हुई आगे जाकर बंगाल की खाड़ी की शाखा में मिल जाती है एक कहानी उपशाखा गुजरात राजस्थान होते हुए सीधी पश्चिमी हिमालय तक पहुंच जाती है राजस्थान में अरावली श्रेणियों की स्थिति मानसून पवनों के समांतर होने के कारण यहां से कम वर्षा प्राप्त होती है_
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*2.बंगाल की खाड़ी की शाखा*
_यह का विरोध के कारण दो शाखाओं में बट जाती है एक उपशाखा अरुणाचल प्रदेश और असम की और चले जाती है यह उपशाखा गारो पहाड़ियों से टकराकर इस क्षेत्र में भारी वर्षा करती है यहां पर मौसिनराम में से सर्वाधिक वर्षा प्राप्त होती है_
_इसकी दूसरी उपशाखा हिमालय की तीराई के सहारे आगे बढ़ती है इससे बिहार उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड उत्तराखंड में अधिक वर्षा होती है पश्चिमी में जाने केसा था इससे पैसा प्राप्ति की मात्रा घटती जाती है इससे पश्चिमी पंजाब वश राजस्थान में बहुत कम वर्षा होती है_
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