अटल पेंशन योजना

अटल पेंशन योजना
एनडीए सरकार के एजेंडे में जनता के लिए
वित्तीय समावेशन, सामाजिक सुरक्षा, और कम
लागत वाले लाभ देना प्रमुखता से है। जब से नरेंद्र
मोदी सरकार केंद्र में सत्तारूढ़ हुई है,
प्रधानमंत्री मोदी, वित्तमंत्री जेटली और
कैबिनेट ने आम आदमी की वित्तीय सुरक्षा के
लिए नई योजनाएं लागू करने के लिए अथक
प्रयास किए हैं। सामाजिक सुरक्षा हासिल
करने की दिशा में पहला कदम था प्रधानमंत्री
जन धन योजना (पीएमजेडीवाय)। पहले चरण को
बड़ी सफलता बताया गया था और देशभर में 1-8
करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। सरकार ने 9 मई
2015 को तीन नई योजनाओं की शुरुआत की –
दो बीमा योजनाएं प्रधानमंत्री जीवन
ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री
सुरक्षा बीमा योजना) और एक पेंशन योजना
(अटल पेंशन योजना)। इसे पीएमजेडीवाय का
दूसरा चरण कहा जा सकता है क्योंकि लोगों
को किसी भी तरह के लाभ देने से पहले उन्हें मुख्य
धारा की बैंकिंग से जोड़ना बेहद महत्वपूर्ण है।
अटल पेंशन योजना
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने फरवरी 2015 के बजट
भाषण में कहा था- “दुखद है कि जब हमारी
युवा पीढ़ी बूढ़ी होगी उसके पास भी कोई
पेंशन नहीं होगी। प्रधानमंत्री जन धन योजना
की सफलता से प्रोत्साहित होकर, मैं सभी
भारतीयों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक
सुरक्षा प्रणाली के सृजन का प्रस्ताव करता हूं।
इससे सुनिश्चित होगा कि किसी भी भारतीय
नागरिक को बीमारी, दुर्घटना या
वृद्धावस्था में अभाव की चिंता नहीं करनी
पड़ेगी।” इसे आदर्श बनाते हुए राष्ट्रीय पेंशन
योजना के तौर पर अटल पेंशन योजना एक जून
2015 से प्रभावी होगी। इस योजना का
उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेंशन
फायदों के दायरे में लाना है। इससे उन्हें हर महीने
न्यूनतम भागीदारी के साथ सामाजिक
सुरक्षा का लाभ उठाने की अनुमति मिलेगी।
निजी क्षेत्र में या ऐसे पेशों से जुड़े लोग जिन्हें
पेंशन लाभ नहीं मिलते, वे भी इस योजना में पेंशन
के लिए आवेदन दे सकते हैं। वे 60 वर्ष की आयु पूरी
करने पर 1,000 या 2,000 या 3,000 या 4,000
या 5,000 रुपए की स्थायी पेंशन का विकल्प
चुन सकते हैं। अंशदान की राशि और व्यक्ति की
उम्र के आधार पर ही पेंशन तय होगी। अंशदाता
की मौत होने पर, अंशदाता का जीवनसाथी
पेंशन का दावा कर सकता है और जीवनसाथी
की मौत के बाद नॉमिनी को अर्जित राशि
लौटा दी जाएगी।
सरकार द्वारा निर्धारित निवेश पैटर्न के
आधार पर पेंशन फंड्स इस योजना के तहत
संग्रहित राशि का प्रबंधन करेंगे। व्यक्तिगत
आवेदकों के पास पेंशन फंड्स या निवेश आवंटन
चुनने का कोई अधिकार नहीं होगा।
अटल पेंशन योजना के लाभ
अटल पेंशन योजना बूढ़े होते भारतीयों के लिए
सुरक्षा लाई है, जबकि इसके साथ ही समाज के
निम्न और निम्न मध्य वर्ग के तबकों में बचत और
निवेश की संस्कृति को प्रोत्साहित भी करती
है। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि
इसका फायदा समाज के गरीब से गरीब तबके
का व्यक्ति भी ले सकता है। भारत सरकार ने
पांच साल तक हर साल हर अंशदाता के अंशदान
का 50 प्रतिशत या 1,000 रुपए (जो भी कम
हो) का योगदान देने का फैसला किया है। यह
अंशदान सिर्फ उन्हें ही मिलेगा, जो आयकर
नहीं चुकाते और जो इस योजना में 31 दिसंबर
2015 से पहले शामिल हो जाएंगे।
कौन पात्र है?
अटल पेंशन योजना (एपीवाय) 18 से 40 वर्ष आयु
समूह के सभी भारतीयों के लिए है। हर व्यक्ति
को कम से कम 20 साल तक अंशदान देना होगा,
तभी उसे इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
कोई भी बैंक खाताधारी, जो किसी भी
वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना का
सदस्य न हो, इस योजना का लाभ उठा सकता
है।
सरकार के ‘स्वावलंबन योजना एनपीएस लाइट’
के सभी सदस्य खुद-ब-खुद अटल पेंशन योजना में
शिफ्ट हो जाएंगे। यह योजना स्वावलंबन
योजना की जगह ले लेगी, जिसे देशभर में ज्यादा
लोकप्रियता नहीं मिल सकी।
पंजीयन कैसे कराएं?
अटल पेंशन योजना के लिए पंजीकरण कराने हेतु
हर खाताधारी को अथॉराइजेशन फॉर्म भरकर
अपने बैंक में जमा कराना होगा। इस फॉर्म में
खाता नंबर, जीवनसाथी और नॉमिनी का
विवरण लिखकर देना होगा। अथाॅराइजेषन पत्र
भरना होगा, जिससे आप बैंक की योजना के
लिए अंषदान की राषि के आहरण का अधिकार
दे देंगे। इस योजना के तहत पंजीकृत खाताधारी
को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर महीने
उसके खाते में निर्धारित रुपए होना चाहिए।
यदि ऐसा नहीं कर सके तो मासिक जुर्माना
वसूला जाएगा-
100 रुपए तक के मासिक अंशदान पर एक रुपया
101 से 500 रुपए तक के मासिक अंशदान पर दो
रुपए
501 से 1,000 रुपए तक के मासिक अंशदान पर
पांच रुपए।
1,001 से ज्यादा मासिक अंशदान पर 10 रुपए।
यदि योजना में भुगतान न किया गया तो…
छह महीने तक जमा नहीं किया तो
खाताधारी का खाता सील कर लिया
जाएगा।
12 महीने तक जमा नहीं किया, तो
खाताधारी का खाता निष्क्रिय कर दिया
जाएगा।
24 महीने तक जमा नहीं किया तो
खाताधारी के खाते को पूरी तरह बंद कर दिया
जाएगा।
उनके लिए जिनका कोई बैंक खाता नहीं हैः
किसी भी व्यक्ति को सबसे पहले बैंक अकाउंट
खोलना होगा। इसके लिए आधार कार्ड और
केवायसी की जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी
है। उस व्यक्ति को साथ में एपीवाय का
प्रपोजल फॉर्म भी जमा कराना होगा।
योजना से बाहर निकलनाः सामान्य
परिस्थितियों में, अटल पेंशन योजना के लिए
पंजीकृत एक खाताधारी अटल पेंशन योजना से
60 साल की उम्र तक बाहर नहीं निकल सकता।
सिर्फ विशेष परिस्थिति में ही खाता बंद
किया जा सकता है, जैसे कि हितग्राही की
मौत की स्थिति में।
आवेदन फॉर्म
आवेदन फॉर्म को http://www-jansuraksha-
gov-in/FORMS&APY-asp
से डाउनलोड किया जा सकता है। फॉर्म्स
अलग-अलग भाषाओं में जैसे- अंग्रेजी, हिंदी,
गुजराती, बांग्ला, कन्नड़, उड़ीया, मराठी, तेलुगू
और तमिल भाषा में उपलब्ध है।

पूरे देश में शुरू हुई योजना
केंद्र सरकार और मुख्यमंत्रियों ने एक साथ 9 मई
को अटल पेंशन योजना एवं अन्य बीमा
योजनाओं की शुरुआत की। भारत के प्रधान
मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में योजना का
विधिवत लोकार्पण किया। यह उद्घाटन
कार्यक्रम देशभर के 116 स्थानों पर हुआ। इनमें
राज्यों की राजधानियां, जिला मुख्यालय
आदि शामिल हैं। 11 मई 2015 तक इस योजना
से 41,124 लोग जुड़ चुके हैं।

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प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई महत्वाकांक्षी
सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम शुरू किए हैं।
प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
(पीएमजेजेबीवाय) भी उनमें से एक है। यह मूल रूप
से एक सावधि जीवन बीमा पॉलिसी है। इसका
सालाना आधार पर या लंबी अवधि के लिए
नवीनीकरण किया जा सकता है।
पॉलिसीधारक की मौत होने पर यह उसे जीवन
बीमा कवरेज मुहैया कराएगी।
पात्र कौन है?
प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 18
से 50 वर्ष आयु समूह के व्यक्तियों को उपलब्ध
कराई जाएगी। संबंधित व्यक्तियों का बैंक
खाता होना चाहिए। जो लोग यह पॉलिसी
50 साल के पहले लेते हैं, उन्हें जीवन बीमा का
कवर 55 साल तक मिलेगा। हालांकि, उन्हें यह
लाभ पाने के लिए नियमित रूप से प्रीमियम का
भुगतान करना होगा।
प्रीमियम क्या है?
पॉलिसीधारक को सालाना 330 रुपए का
भुगतान करना होगा। यह राशि हर साल उनके
बैंक खाते से काट ली जाएगी। वह भी एक बार
में। यह काम बैंक से होगा, जहां यह पॉलिसी शुरू
होगी।
जोखिम (रिस्क) का कवरेज क्या है?
प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में
रिस्क कवरेज दो लाख रुपए है। पॉलिसी एक
साल से ज्यादा अवधि के लिए ली गई तो
जितने साल के लिए यह पॉलिसी ली गई है, उतने
साल तक हर साल संबंधित बैंक खाते से पैसा
काट लिया जाएगा।
यह कार्यक्रम कौन पेश करता है?
इस योजना की पेशकश भारतीय जीवन बीमा
निगम (एलआईसी) कर रहा है। हालांकि, यदि
कोई अन्य जीवन बीमा कंपनियां इस कार्यक्रम
से जुडना चाहती हैं तो संबंधित बैंकों के साथ
अनुबंध कर जुड़ सकती हैं। पीएमजेजेएस के मामले में
जिन बैंकों के उपभोक्ता इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे,
उन्हें मास्टर अकाउंट होल्डर माना जाएगा।
एलआईसी और अन्य बीमा कंपनियां दावा
भुगतान और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को
अंतिम रूप देंगी। जो सरल और अंशधारकों के
लिए सहज होने की उम्मीद की जा सकती है।
यह बैंकों के साथ परामर्श के बाद किया
जाएगा।
पंजीयन कैसे किया जा सकता है?
यह योजना शुरुआत में 1 जून 2015 से 31 मई 2016
तक के लिए रहेगी। हितग्राहियों को 31 मई
2015 तक या उससे पहले अपना पंजीयन कराना
था। उन्हें यह भी बताना है कि उनके बैंक खाते से
पैसा कब काटा जाए। यह तारीख 31 अगस्त
2015 तक बढ़ाई जाएगी। यदि कोई इसके बाद
इस योजना में पंजीयन कराना चाहता है तो वह
स्व-प्रमाणन जमा कर सकता है। जिसमें उसे
बताना होगा कि उसका स्वास्थ्य अच्छा है
और वह पूरी प्रीमियम चुकाने को तैयार है। यदि
कोई पहले वर्ष के बाद भी इस योजना का
हितग्राही बने रहना चाहता है तो उसे उस साल
31 मई तक बैंक खाते से पैसे कटने की सहमति देनी
होगी। जो भी इसके बाद पॉलिसी का
नवीनीकरण कराता है, उसे स्वास्थ्य अच्छा
होने का स्व-प्रमाणन करना होगा। साथ ही
सालाना प्रीमियम भी एकमुश्त चुकानी
होगी। यदि कोई पहले साल में योजना से नहीं
जुड़ता तो वह आगे चलकर अच्छे स्वास्थ्य का
स्व-प्रमाणन कर सालाना प्रीमियम चुकाकर
इस योजना क¢ तहत पंजीयन करा सकता है।
यही प्रक्रिया उन लोगों के लिए भी लागू
होगी जिन्होंने पॉलिसी लेने के बाद बीच में
छोड़ दी और दोबारा शुरू करना चाहते हैं।
पॉलिसी कब खत्म कर दी जाएगी?
पॉलिसीधारक की उम्र 55 वर्ष पूरी होने पर
पॉलिसी खत्म हो जाएगी। हालांकि, इसे
प्रभावी रखने के लिए पॉलिसीधारक को
समय-समय पर इसका नवीनीकरण कराना
होगा। यदि खाताधारक बीमा पॉलिसी को
सक्रिय रखने लायक न्यूनतम बेलेंस भी अपने बैंक
खाते में नहीं रख पा रहा है और उस बैंक का
खाता ही खत्म कराना पड़ता है, जहां से
पॉलिसी ले रखी है तो बीमा पॉलिसी भी
खत्म हो जाएगी। यदि संबंधित व्यक्ति के एक से
ज्यादा खाते हैं और वह अनजाने में एक से ज्यादा
बीमा पॉलिसी ले लेता है तो भी वह
प्रीमियम जब्त हो जाएगी।
बैंक की भूमिका क्या रहेगी?
मास्टर अकाउंट होल्डर होने और हर साल
प्रीमियम काटने के अलावा बैंकों की कुछ अन्य
भूमिकाएं भी तय की गई हैं। उनका प्राथमिक
दायित्व खातों से काटी गई प्रीमियम को
बीमा कंपनियों तक पहुंचाना है। उन्हें यह काम
भी करने होंगेः
– पंजीयन फॉर्म
– खुद-ब-खुद बैंक खाते से पैसे कट जाए इसका
अधिकार पत्र
– सही आकार में घोषणापत्र-कम-सहमति
फॉर्म उपलब्ध कराना। वे इन्हें हासिल करेंगे और
दावों के वक्त भी पास रखेंगे या किसी भी ऐसे
मौके पर जब बीमा कंपनी को इसकी जरूरत
होगी, यह फॉर्म उसे उपलब्ध कराने होंगे।
प्रीमियम को कैसे बांटा जाएगा?
330 रुपए के सालाना प्रीमियम में से 289 रुपए
बीमा कंपनी को जाएंगे और 30 रुपए का
भुगतान बीसी, कॉर्पोरेट या माइक्रो एजेंट्स
को होगा। बैंक को 11 रुपए प्रशासनिक खर्च के
तौर पर मिलेंगे।
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प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना
(पीएमएसबीवाय) – एक दुर्घटना बीमा
योजना
प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और
फ्लैगशिप सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू की
हैः प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना
(पीएमएसबीवाय): यह एक दुर्घटना मृत्यु और
विकलांगता बीमा योजना है।
भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा
ग्रामीण इलाकों में रहता है और उनमें से
ज्यादातर किसी भी सामाजिक सुरक्षा
योजना के दायरे में नहीं आते। इस आबादी के एक
बड़े तबके को तो अब तक बैंकिंग प्रणाली का
भी लाभ नहीं मिला है। ज्यादातर को अब भी
समय-समय पर शुरू की गई कई सरकारी योजनाओं
की जानकारी नहीं मिली है।
साधारण और गरीब लोगों की जिंदगी में
शामिल इस गंभीर असंगति को ठीक करने के
लिए भारत के प्रधान मंत्री ने 9 मई 2015 को
कोलकाता में पीएमएसबीवाय योजना शुरू की।
इसके साथ ही दो अन्य बीमा और पेंशन
योजनाएं भी शुरू की गई। इन योजनाओं को
लेकर सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी
बात से लगाया जा सकता है कि इनकी
सफलता के लिए वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को
राज्यों की राजधानियों और बड़े नगरों में भेजा
गया। ताकि एक साथ कई जगहों से इन
योजनाओं का शुभारंभ हो सके। साथ ही सफल
क्रियान्वयन भी सुनिश्चित हो सके।
पूर्ववर्ती सरकारों की ओर से शुरू की गई अन्य
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से यह योजना
किस तरह अलग है?
पीएमएसबीवाय के दो प्रमुख पहलू है, इससे इसके
पेष करने का नजरिया अलग हो जाता है। पहला,
समावेशन का शुद्ध आकार और गहराई, इस
योजना का फायदा अधिक से अधिक लोगों
तक पहुंचाना, जो इसे बहुत महत्वाकांक्षी और
चुनौतीपूर्ण बनाता है।
आज, यदि किसी परिवार का कमाऊ सदस्य
दुर्घटना में स्थायी रूप से विकलांग हो जाता है
या उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार
को गरीबी और मुश्किलों का सामना करना
पड़ता है। सहयोग या संरक्षण के लिए कोई
संस्था या समूह आगे नहीं आता।
पीएमएसबीवाय योजना में शामिल होकर और
सिर्फ 12 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष
प्रीमियम चुकाकर वह बीमा कवर हासिल कर
लेगा। दुर्घटना में मौत या स्थायी तौर पर
विकलांगता पर दो लाख रुपए या आंशिक
लेकिन स्थायी विकलांगता होने पर एक लाख
रुपए का बीमा मिलेगा। यह योजना एक साल
के लिए वैध रहेगी। इसका हर साल नवीनीकरण
किया जा सकता है।
बहुत-सी सरकारी सामाजिक सुरक्षा
योजनाओं को घर के पास वित्तीय प्रणाली
अधोसंरचना की कमी की वजह से लोगों से
अच्छा प्रतिसाद नहीं मिला। इतना ही नहीं,
खाते खोलने या दावे करने में जो कागजी
कार्यवाही करनी पड़ती थी, वह बहुत ज्यादा
थी। यहां तक कि प्रणाली में लीकेज
(भ्रष्टाचार) की वजह से भी बड़ा तबका इन
योजनाओं का फायदा उठाने से दूर ही रहा। इन
समस्याओं को मौजूदा सरकार ने दूर करने की
कोशिश की है। सामाजिक योजनाओं के
निष्पादन और तंत्र की निगरानी के लिए
टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया जा
रहा है। सभी भुगतान हितग्राही के अकाउंट में
सीधे होंगे, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी
नहीं रहेगी।
पीएमएसबीवाय के तहत कौन पात्र है?
18 और 70 वर्ष आयु समूह के बीच का कोई भी
व्यक्ति, जिसका बचत बैंक खाता और आधार
कार्ड हो, वह इस योजना से जुड़ सकता है।
एक आसान फॉर्म भरना होगा, नॉमिनी का
नाम लिखना होगा और आधार कार्ड को बैंक
खाते से लिंक करना होगा। व्यक्ति को हर
साल एक जून से पहले इस योजना में बने रहने के
लिए फॉर्म जमा करना होगा। इससे खाता
आसानी से सक्रिय किया जा सकता है और
पूरा प्रीमियम उसके खाते से खुद-ब-खुद काट
लिया जाएगा। अन्य शब्दों में, व्यक्ति को
सिर्फ बैंक खाता खोलना होगा और फिर
सुनिश्चित करना होगा कि हर साल 1 जून से
पहले कम से कम 12 रुपए खाते में उपलब्ध रहे।
ताकि योजना का नवीनीकरण हो जाए।यदि
किसी व्यक्ति को इस योजना का लाभ लंबी
अवधि के लिए चाहिए तो उसके पास यह
विकल्प भी होगा कि वह बैंक को निर्देश देकर
योजना के खुद-ब-खुद नवीनीकरण की व्यवस्था
सुनिश्चित करें।
पीएमएसबीवायकौन क्रियान्वित करेगा?
सभी सरकार-प्रायोजित सामान्य बीमा
कंपनियां यह योजना पेश करेंगी। जबकि अन्य
बीमा कंपनियों के पास विकल्प होगा कि वह
बैंकों के साथ अनुबंध कर इन योजनाओं के तहत
प्रोग्राम डिलीवरी में शामिल हो जाए।
क्या मुझे स्कीम में शामिल होने से किसी तरह
का टैक्स लाभ होगा?
हितग्राहियों के बैंक खाते से काटी जाने
वाली पूरी प्रीमियम धारा 80सी के तहत
करमुक्त होगी। इतना ही नहीं, इस योजना के
तहत मिलने वाली एक लाख रुपए तक की राशि
धारा 10(10डी) के तहत कर मुक्त होगी। एक
लाख रुपए से ज्यादा राशि होने पर 2 प्रतिशत
की दर से टीडीएस काट लिया जाएगा। यदि
फॉर्म 15एच या फॉर्म 15जी बीमा एजेंसी में
जमा किया तो यह टैक्स नहीं कटेगा।
मौजूदा सरकार को एक ही बार में तीन बड़े
सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम शुरू करने की
जरूरत क्यों पड़ी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली
मौजूदा सरकार का एक साल का कार्यकाल
पूरा होने जा रहा है। यह महसूस किया गया कि
उनके प्रदर्शन का बारीकी से विश्लेषण किया
जाएगा। एक साल सत्ता में रहने के बाद भी
चुनावी वादों और वास्तविकताओं में बहुत बड़ा
अंतर है।
सरकार इस बात को लेकर आलोचनाओं से घिर
गई कि सरकार खर्च करने में गति नहीं बढ़ा पा
रही है। खासकर बुनियादी ढांचे और
विनिर्माण के क्षेत्र में, जहां इसकी बहुत
ज्यादा जरूरत है। संसद में कई विधेयक लंबित हैं,
जिनसे इन क्षेत्रों को काफी उम्मीदें हैं। इनमें
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) और प्रमुख
जमीन अधिग्रहण विधेयक शामिल है। सरकार
इस वजह से न केवल इन सामाजिक सुरक्षा
योजनाओं की घोषणाओं को लेकर उत्सुक थी,
बल्कि विभिन्न तबकों में पर्याप्त प्रचार-
प्रसार भी चाहती थी। खासकर उन लोगों के
बीच जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
यह सच है कि जन-धन योजना के तहत खोले गए
बैंक खातों से केंद्र सरकार ने एक बेहतरीन
सफलता हासिल की है, यह भी उतना ही सच है
कि इनमें से ज्यादातर खातों में षून्य या बहुत कम
पैसा जमा है। ऐसे में इन खातों को जिन
उद्देश्यों के साथ खोला गया था, वह कहीं न
कहीं परिपूर्ण होते नजर नहीं आते।
पीएमएसबीवाय योजना को अलग-अलग तबकों
में लागू करने में एक साल का वक्त लग जाएगा।
अगले साल इसी वक्त पर हकीकत की जांच हो
सकेगी कि क्या लक्ष्य रखा गया था और
कितना हासिल हुआ है। इसका वास्तविक असर
क्या हुआ है।
इस बीच, आम लोग उत्साहित और उम्मीदवान है
कि प्रधानमंत्री मोदी अपने वादों पर खरे
उतरेंगे। भारत को तेज विकास की राह पर आगे
ले जाएंगे। पीएमएसबीवाय योजना मौजूदा
सरकार की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाएगी।

BY :- VISHAL JOGRANA

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