बहुत बेहतरीन कविता है
तू जिंदगी को जी, उसे समझने की
कोशिश न कर
सुन्दर सपनो के ताने बाने बुन,उसमे उलझने की कोशिश न कर
चलते वक़्त के साथ तू भी चल, उसमे सिमटने
की कोशिश न कर
अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस ले, अंदर ही अंदर घुटने
की कोशिश न कर
मन में चल रहे युद्ध को विराम दे, खामख्वाह खुद से लड़ने
की कोशिश न कर
कुछ बाते भगवान् पर छोड़ दे, सब कुछ खुद सुलझाने की
कोशिश न कर
जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सकून छीन ले
वो पाने की कोशिश न कर
रास्ते की सुंदरता का लुत्फ़ उठा, मंजिल पर जल्दी
पहुचने की कोशिश न कर….
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